आज नहीं बनी बात तो 6 जनवरी को निकालेंगे ट्रैक्टर मार्च, जानें आगे का प्लान

कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन का आज 40वां दिन है और अब किसानों ने देश भर में आंदोलन को व्यापक रूप देने की तैयारी भी कर रखी है। 40 दिन के आंदोलन के दौरान सरकार और किसानों के बीच कई बार वार्ता हो चुकी है लेकिन इसके बाद भी कोई नतीजा नहीं निकल पा रहा है आज किसानों की सरकार के साथ 8वें राउंड की बातचीत होने जा रही है जिसमें दोनों के मध्य समझौता होने के कुछ आसार नजर आ रहे है। अगर किसी कारण के चलते वार्ता सफल नहीं होती है तो सरकार के लिए बड़ी परेशानी खड़ी हो सकती है लेकिन सरकार को उम्मीद है कि आज आंदोलन खत्म हो सकता है।
हालाकि इसके पहले यानी 30 दिसंबर की वार्ता दोनों पक्षों के मध्य 2 मुद्दों पर सहमति बनी थी
1. पराली जलाने पर केस दर्ज नहीं होंगे और 1 करोड़ रुपए जुर्माना और 5 साल की कैद की सजा नहीं होगी।
2. किसानों को मिलने वाली बिजली सब्सिडी बंद नहीं होगी।
किसान संगठनों ने इस वार्ता से पहले अपनी राय साफ कर दी है कि सरकार ने मांगें नहीं मानी तो प्रदर्शन और तेज किया जाएगा। इसके बाद हर दिन अलग—अलग प्रकार से आंदोलन को तेज करने का प्रयास किया जाएगा जिसको लेकर रणनीति बन चुकी है।
इन मुद्दों पर नहीं बनी सहमति
1. तीनों कानूनों को रद्द करने की मांग पर नहीं मिला आश्वासन।
2. MSP पर अलग कानून बने, ताकि किसानों सही और उचित दाम मिलता रहें।
अब तक मिली जानकारी के अनुसार आज की बैठक में किसानों के बड़े मुद्दों का हल भी निकल सकता है और इसके चलते आंदोलन खत्म हो सकता है। किसानों के तेज होते आंदोलन को देखते हुए सरकार समर्थन मूल्य और एग्रीकल्चर प्रोड्यूस मार्केट कमेटी के मुद्दों पर लिखित में आश्वासन देगी। इसके लिए सभी प्रकार की तैयारियां कर ली गयी है। अगर सहमति नहीं बनती है तो किसान 6 जनवरी को ट्रैक्टर मार्च करेंगे और 13 जनवरी को कृषि कानूनों की कॉपी जलाकर लोहड़ी मनाने का ऐलान किया है।