Mass Movement of Dalit Organizations – 7 September 2020, big preparations in Jaipur.
Demand for the deaf and mute victim
दलित समाज का बड़ा आंदोलन – 2 अप्रैल 2018 की याद ताजा करता – प्रशासन सतर्क
पवन देव
जयपुर | राजस्थान में दलितों पर लगातार बढ़ रहें आपराधिक घटाओं के विरोध में दलित युवाओं में भारी आक्रोश देखने को मिल रहा हैं बगड़ी प्रकरण के बाद प्रशासन का जो फेलियर रहा वह निराशा जनक था आज भी 2 अपराधी पुलिस की गिरफ़्त से बाहर हैं गौरतलब हैं की दौसा जिले के बगड़ी गाँव में एक दलित समाज की मूक बधिर लड़की के साथ 4 समाज कंठक व्यक्तियों ने धार्मिक स्थल पर ले जाकर बलत्कार की घटना को अंजाम दिया और मूक बधिर लड़की की हत्या भी कर दी थी . घटना के बाद 4 दिन तक पुलिस अपराधियों को पकड़ नहीं पाई थी . घटना के बाद सामाजिक संघटन के लोग – भीम आर्मी . बसपा . सोशल एक्टिविस्ट गीगराज वर्मा , रवि मेघवाल आदी लोगो ने दौसा में नगर – पालिका के बाहर न्याय के लियें धरना – प्रदर्शन किया तो पुलिस प्रशासन ने आनन् – फानन में न्याय की मांग कर रहें लोगों पर भी केस दर्ज कर दिया जिसके बाद दलित समाज के युवा वर्ग , सामाजिक संगठनो में भारी आक्रोश है जिसको लेकर 7 सितम्बर को अल्बर्ट हॉल रामनिवास बाग़ पर बड़े विरोध – प्रदर्शन का आहन किया जा रहा हैं |
दलित संगठनो की प्रमुख मांगें – जिन को लेकर विरोध प्रदर्शन हैं
बगड़ी गैंगरेप प्रकरण राजस्थान में बढ़ रहें जुल्म व अत्याचारों के खिलाफ प्रदेशस्तरीय आंदोलन
1. दौसा बगड़ी गैंगरेप प्रकरण मुकदमा संख्या 178/2020 में मुक-बधिर नाबालिग के साथ सामूहिक दुष्कर्म प्रकरण में पीड़ित परिवार को पूर्ण रूप से न्याय।
(अ) उचित मुआवजा राशि
(ब) नामजद आरोपियों के अलावा सम्मलित अन्य दोषियों की गिरफ्तारी
(स) मामले को लेकर न्याय की मांग कर रहे प्रदर्शनकारियों पर लगा मुकदमा संख्या 354/20 पुलिस थाना कोतवाली दौसा को वापिस लिया जाय।
(द) मामले मेंन्यायकी मांग कर रहें बिजली विभाग तकनिकी सहायक बनवारीलाल मीणा का ए.पी.ओ.आदेश निरस्त किया जाये।
2. नागौर सावतगढ़ प्रकरण मुकदमा. 0082 / 2020 में हनुमान राम मेघवाल की हत्याके मामले में नामजद सभी आरोपियों की गिरफ्तारी न्याय हेतु संघर्ष कर रहें आन्दोलन कारियों पर दर्ज मुकदमा संख्या 0090/2020 वापस लिया जाये।
3. अनुसुचित जाति आयोग के अध्यक्ष सहित संम्पूर्ण कार्यकारिणी जल्द से जल्द नियुक्ति जाए जिससे अनुसूचित जाति वर्ग पर बढ़ता अत्याचारो पर अंकुश लगे हुए और पीड़ितो का न्याय मिले।
4. महिला आयोग के अध्यक्ष सहित सम्पूर्ण कार्यकारिणी को जल्द से जल्द नियुक्त किया जाए ताकि महिला अत्याचारों पर अंकुश लगाया जा सके।
5. प्रदेशस्तरीय सामाजिक संगठन संघर्ष समिति के साथ सरकार प्रत्येक 2 महीने में अन्याय व अत्याचार उत्पीड़न एवं अन्य घटनाओं पर वार्ता करें।
6. कोरोना वायरस आपदा के दौरान लगे लॉकडाउन की आड़ में SC/ST व महिला वर्ग के साथ घटित घटनाओं पर जिलेवार जिला पुलिस अधीक्षक को निर्देश किये जाये कि इन मानवीय घटनाओं को संज्ञान में लेकर पीड़ितों को न्याय सूनिश्चित करें।
7. लॉकडाउन के वक्त हुई विभिन्न घटनाओं को लेकर पीड़िता को न्याय दिलाने हेतु प्रदर्शनकर रहें आंदोलनकारियों पर दर्ज सम्पूर्ण प्रदेश के मुकदमे वापिस लिया जाए।
दलित युवाओं ने कहा
गीगराज वर्मा { सीकर } –
राजस्थान में लॉक डाउन के समय में दलितों पर अत्याचार / आपराधिक घटना / बलत्कार / हत्या / एसी एस टी के लोगों पर अमानवीय घटना ओं की बाढ़ सी आ गई हैं कांग्रेस सरकार का प्रशासन मूक बधिर के जैसे मूक दर्शक बन कर बेठा हैं यह बड़े शर्म की बात हैं की राजस्थान दलित अत्याचार में नंबर एक पर हैं और लोकक्तान्त्रिक व्यवस्था में सब को अन्यया के विरोध आवाज़ उठाना हमारा संवेधानिक अधिकार हैं लेकिन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की सरकार में न्याय की मांग करने पर पीड़ितों पर ही प्रशासन मुकदमे दर्ज कर लेती हैं यह शर्मनाक हैं अब युवा चुप नहीं बेठेगा हमे न्याय चाहियें नहीं तो सड़कों पर आंदोलन होगा और उसकी ज़िम्मेदारी शासन – प्रशासन की होगी |
रवि मेघवाल – सोशल एक्टिविस्ट { जयपुर }
राजस्थान सरकार गूंगी बहरी और अंधी हो चुकी हैं उससे सही गलत का एहसास ही नहीं हैं आज दलितों पर / दलित समाज की बहन बेटी के साथ बलत्कार जेसे ज्न्घन्य अपराध हो रहें हैं और घटना के बाद अपराधी खुले में घूमते फिरते हैं उन्हें पुलिस प्रशासन का कोई डर ही नही हैं राजस्थान में कानून व्यवस्था गरीबो दलितों व् वंचितों के लियें लगभग खत्म सी हो गई है बगड़ी प्रकरण में हम न्याय मांगने वालो पर ही मुकदमा दर्ज कर दिया गया हैं लेकिन हम बाबा साहब को मानने वाले लोग हैं अन्याय खिलाफ़ चुप नहीं बैठेगे दलितों की बहन बेटी पर जो हाथ उठेगा वह अब सुरक्षित नहीं रहेगा |
मोहन लाल बैरवा – सामाजिक कार्यकर्ता
वर्तमान समय में जो हालात राजस्थान में देखने को मिल रहें हैं वह चिंता जनक हैं मानों ऐसा लगता हैं की मनुवाद संवेधानिक व् लोक्तान्तिक व्यवस्था को ठेगा दिखाते हुयें वापस आ गया हैं आज दलितों पर अत्याचार चरम पर हैं लेकिन दलित समाज का युवा अब इन पाखण्ड वाद को समझ चूका हैं वह बाबा साहब द्वारा लिखित भारत के संविधान द्वारा मिले अपने अधिकारों को समझ चूका हैं इसलियें वह अन्याय के विरोध निर्भीक होकर लड़ रहा हैं और दलित समाज के युवा अब अन्याय के खिलाफ़ झुकने वाले नहीं हैं इसका ताजा उदाहरण 7 सितम्बर 2020 को देखने को मिलेगा |
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