भारतीय रेल अब धीरे -धीरे निजी हाथों में , ‘वन्दे भारत’ से हुई थी प्राइवेटाइजेशन की शुरुआत

केंद्र की मोदी सरकार अब ‘वंदेमातरम् एक्सप्रेस ‘ के बाद 109 ट्रेंनो को निजी हाथों में देगी
35 साल का होगा करार होगा 160 किमी की स्पीड से चलेगी ट्रेनें
नई दिल्ली | IRCTC द्वारा वंदेमातरम् ट्रेनें शुरू करने के बाद केंद की मोदी सरकार इतिहास में पहली बार 109 ट्रेंनो को निजी हाथों में देने की तैयारी में हैं

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एक समाचार पत्र अनुसार सरकार ने 109 रूटों पर ट्रेनों के ऑपरेशन की पूरी जिम्मेदारी निजी कंपनियों को सौंपने की योजना बनाई है
इसके लिए बाकायदा टेंडर की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है इसमें ट्रेनों को खरीद उसके लिए पैसा जुटाने ट्रेनों के परिचालन एवं रखरखाव की जिम्मेदारी निजी कंपनियों की होगी |
जबकि ड्राइवर और गार्ड रेलवे के होंगे कंपनी अपने राजस्व में रेलवे को हिस्सेदारी देगी साथ ही पटरी के इस्तेमाल के लिए भाड़ा और उपभोग के आधार पर बिजली का शुल्क भी वह रेलवे को देगी!
कॉन्टैक्ट मैं शर्ते रखी गई है कि इन ट्रेनों की रफ्तार सबसे तेज ट्रेन के बराबर होनी चाहिए 12 क्लस्टरो में 109 मार्गों पर अप और डाउन मिलाकर 218 ट्रेनें निजी कंपनी के हाथ जाएगी इसके लिए उन्हें कम से कम 16 कोच वाली 151 ट्रेनें खरीदनी होगी यह मेक इन इंडिया होगी |