“सवर्णों के आरक्षण ” को – सुप्रीम कोर्ट में चुनौती-

मोदी सरकार के “सवर्णों के आरक्षण ” को – सुप्रीम कोर्ट में चुनौती –
नई दिल्ली | भाजपा सरकार द्वारा सवर्णों को नौकरियों और शिक्षा में आर्थिक आधार पर 10% आरक्षण देने वाले बिल { विधयेक } को आज सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई – सामाजिक संगठन ” यूथ फॉर इक्वैलिटी “ने कोर्ट में याचिका दायर की है |
यूथ फॉर इक्वलिटी देश के प्रीमियर शैक्षणिक संस्थाओं के छात्रों का संगठन है। यह संगठन 4 अप्रैल 2006 को गठित हुआ था। इस संगठन में भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी), जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) और अन्य केंद्रीय विश्वविद्यालय के छात्र शामिल हैं।
गौरतलब है की सवर्णों के 10 % प्रतिशत आरक्षण बिल को लोकसभा व् राज्य सभा में पारित कर दिया गया है और सीधे तौर पर राष्टपति महोदय के पास यह बिल विचार हेतु भेजा जाता उससे पहले ही आज इस विधयेक को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है |
सवर्णों के आरक्षण बिल को संविधान में 124 वां संविधान संशोधन कर पारित किया गया था
वर्तमान आरक्षण –
वर्तमान समय में कुल 49.5 % आरक्षण है जिस में OBC को 27% ,ST को 7.5% व् SC को 15% है अब यदि सवर्णों के 10 % प्रतिशत आरक्षण दे दिया जाता है तो कुल आरक्षण 59 .5% हो जाता है जो की संविधान के आरक्षण आर्टिकल के विपरीत हो जाता है , संविधान के अनुसार किसी भी स्थिति में आरक्षण व्यवस्था 50 % से अधिक नहीं हो सकती है |