“अशोक गहलोत ” – जादूगर का जादू चला
जयपुर | कर्नाटक में चल रहे सरकार बनाने के घटनाक्रम के बीच आखिर भाजपा को कुर्सी गवानी ही पड़ी , जहाँ भाजपा कांग्रेस मुक्त भारत का सपना देख रही है वही राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपने राजनेतिक अनुभव से दूसरी बार भाजपा को कड़ी टक्कर दी है इससे पहले गुजरात विधानसभा चुनावों में भाजपा को कड्डी टक्कर दी थी या यह कहे आज भाजपा और प्रधानमंत्री मोदी के सपने “कांग्रेस मुक्त भारत “ को अपनी राजनेतिक सुझ -बुझ के चलते अशोक गहलोत एक बार तो रोक ही दिया है |
कर्नाटक चुनावों के नतीजों से पूर्व ही गुलाब नबी आजाद और अशोक गहलोत को कांग्रेस ने कर्नाटक भेज दिया था ,अशोक गहलोत वहाँ पहुँच कर जिस तरह से कांग्रेस विधायक को सुरक्षित रखा और भाजपा के खेमे में जिस तरह की कुलबुलाहट बनाये रही , जब राज्यपाल ने येद्दिरुप्पा को मुख्यमंत्री की शपथ तक दिला दी तो कांग्रेस पार्टी ने आधी रात सुप्रीम कोर्ट पहुँच कर न्याय की अपील की जिसके चलते भाजपा को 24 घंटे के भीतर { शनिवार शाम 4 बजे } तक अपना शक्ति परिक्षण करना आवश्यक कर दिया , जिसके चलते
भाजपा अपना शक्ति परिक्षण भी नही कर सकी और दो दिन पहले मुख्यमंत्री बने येदिरुप्पा ने अपना इस्तीफा सौप दिया |
एक बार देखा जाए तो यह घटनाक्रम कांग्रेस पार्टी की जीत को दर्शाती है जिसकी रुप रेखा राजस्थान में जादूगर के नाम से प्रसिद्ध पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने लिखी है |
अब राजस्थान में आगामी कुछ माह बाद होने वाले विधानसभा चुनावों के बीच अमित शाह व् अशोक गहलोत के बीच राजनेतिक द्रष्टिकोण की परीक्षा होना तय है |
लेकिन अशोक गहलोत का कद जहाँ कांग्रेस पार्टी में तो बड़ा ही है उसका असर राजस्थान में ही देखने को मिलेगा |